Friday 22 February 2013

25 ,फरवरी माघी पूर्णिमा के स्नान के सफल आयोजन हेतु तैयारिया......

कुम्भ नगर, इलाहाबाद 22,फरवरी 2013,इलाहाबाद मण्डल के आयुक्त श्री देवेष चुतुर्वेदी ने कुंभ मेला से जुडे सभी महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों को सचेत किया है कि वह संभावित बरसात के दृष्टिगत उससे उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां दुरूस्त रखे। कुंभ मेला कार्यालय के त्रिवेणी सभागार में कुंभ मेला अधिकारी सहित सभी संबधित अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए जलनिगम के अधीक्षण अभियंता को निर्देशित किया कि कुंभ के सभी सेक्टरों में जहां जल भराव की आशंका हो या पिछली बरसात में जहां जल भराव हुआ हो वहां अभी से जल निकासी हुतु पम्प की              व्यवस्था कर ले ।    
बैठक में आयुक्त ने प्रभारी स्वास्थय को सेक्टर 3 एवं 12 में सफाई व्यवस्था को और दुरूस्त करने का निर्देश दिया वही स्नानघाटों पर पर्याप्त मात्रा में कांसा की व्यवस्था को और दुरस्त करने का आदेश भी दिया है  तथा आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त बालू का भण्डारण करने को कहा ।
25 फरवरी को माघी पूर्णिमा के दिन केवल कुंभ मेला डयूटी पर तैनात अधिकारियों के वाहन के अलावा पुलिस व मजिस्ट्रेटों के वाहन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगे। इतना ही नही यदि डयूटी पर तैनाती के बहाने वाहनों से स्नान के लिए परिवार ढोये जायेगे तो इस पर कडी कार्यवाही की जायेगी तथा इस तरह के वाहनों को जब्त किया जायेगा ।  












Wednesday 20 February 2013

हर हाल में कल्पवास को पूरा करना है..............।

संगम नगरी में निवास करने वाले अपने दृढ सकंल्प को लेकर अडिग है कैसी भी परिस्थिति हो कल्पवास का पूरा करना ही है। वर्तमान समय में कुम्भ मेला परिसर में विभिन्न क्षेत्रों में लगभग पांच लाख कल्पवासी कल्पवास कर रहे है ।विगत दिवस हुई बारिश के कारण इन लोगो का काफी दक्कतों का सामना करना पडा फिर भी इन्होने हिम्मत नही हारी ,पुण्य कमाने की लालसा ने ही यही टिके रहने पर मजबूर किया ।
































Saturday 2 February 2013

महाकुम्भ मेला और बैंक

संगम नगरी इलाहाबाद में महाकुम्भ मेला पूरे जोरो शोरो से जारी है। दुर -दुर से आये श्रद्धालुओ एवं दर्शनार्थियों  तथा दुकानदारों  सुख-सुविधाआओ को ध्यान में रखते हुए कुम्भ मेले में सभी विभाग अपने अपने कार्यो को मुस्तदी से अंजाम दे रहे है । बहुत से  बडे बैकों ने भी अपने बैक मेले में स्थापित किये हुए है।
जिनमें रिजर्व बैंक आफ इंडिया के अलावा भारतीय स्टेट बैंक ,पंजाब नेशनल बैंक ,इलाहाबाद बैंक,बैंक आफ इंडिया,यूनियन बैंक आफ इंडिया,सेंट्रल बैंक आफ इंडिया,बैंक आफ बडोदा,यूकों बैंक  बडोदा, उत्तरप्रदेश ग्रामीण जैसे बैंक शामिल है।

नकली नोटो से सावधान होने वाला डिस्पले लगाया है
रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने। असली नोटो की पहचान के अलावा रू0 की वैल्यू,कटे फटे नोट कैसे व कितने में बदले जाये यह सभी जानकारियां इन कैम्पों में दी जा रही है। स्टेट बैंक आफ इंडिया ने महाकुम्भ में हो रही भीड को देखते हुए कुम्भ परिसर में तीन मोबाइल ए.टी.एम और देश में कही भी पैसा जमा करने की सुविधा दी हुई है । 
इस कैम्प में सबसे अधिक आकर्षण का केन्द्र है  बैंक द्धारा लगाये गये 1863 से अब तक की स्मृतियां है । इसमें बैंक के इतिहास की 150 वर्षो से अधिक के       

स्मृति चिह्रन है ।

बैंको द्धारा स्नानार्थियों  को श्रद्धालुओं को धनराशि निकालने व जमा करने हेतु पूरी सुविधा दे रखी है साथ ही बैकों  द्धारा संचालित योजनाओ की भी पूरी जानकारी दी जा रही है।

Wednesday 30 January 2013

विदेशियों में भी उत्साह है आगामी मौनी अमावस्या, (10 फरवरी) के स्नान का .......

प्रयाग महाकुम्भ में जहां देश भर से संगम में स्नान करने के लिए पहुंच, पुण्य कमा रहे है वही भारतीय संस्कृति से प्रभावित कुछ जानने के लिए समझने के लिए आध्यात्म व सन्तों की वाणी सुनने को विदेशियों का आगमन जारी है।
सबसे अधिक उत्साह है अगामी मौनी अमावस्या के स्नान का चाहे देशी हो या विदेशी हर कोई गंगा ,यमुना व सरस्वती के संगम में स्नान करने को या डूबकी लगाने का ललायित है । 10 फरवरी को मोनी अमावस्या के स्नान के लिए इन श्रद्धालुओ ने इलाहाबाद में डेरा डालना शुरू कर दिया है ।

महाकुम्भ में पहुचने वाले विदेशी अमेरिका,फ्रांस,जर्मनी, ब्रिटेन , इटली तथा स्विटजरलैण्ड इत्यादि देशों से है ।यह श्रद्धालु महात्माओ धर्माचार्यो ,महन्तों तथा अपने गुरूओ के आश्रमों में ठहर रहे है। सबसे अधिक विदेशी श्रद्धालु परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश  के  पीठाधीशवर चिदानंदमुनि सरस्वती के आश्रम में पहुंच रहे है । आश्रमवासियों का कहना हे पांच सौ से भी अधिक  विदेशी श्रद्धालु यहां आ चुके है अभी इनका आना निरन्तर जारी है। जुना अखाडा,महानिर्वाणी अखाडा,निरंजनी अखाडा व योगी सत्यम के शिविरों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहले ही पहुच चुके है।
आश्रमों ठहरने वाले इन विदेशी श्रद्धालुओं को 
आश्रम के नियमों के अनुसार ही रहना पडता है ।
यहां आने वाले विदेशी पूरी तरह यहां के तौर- तरीको तथा रहन-सहन  तथा खान-पान को  अपनाये हुए है।